हरियाणा की सरकार ने अपने मंत्रियों को पहले से ज्यादा पावरफुल बना दिया है। राज्य के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने मंत्रियों को क्लास वन और क्लास टू अधिकारियों के तबादलों के अधिकार प्रदान किए हैं। सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों के अधिकार पहले ही मंत्रियों को प्रदान कर दिए थे।
मुख्यमंत्री के इस फैसले से जहां मंत्रियों की पावर बढ़ेगी, वहीं अधिकारियों को भी वे अपनी पसंद के स्टेशन पर बदल सकेंगे। विधायकों को भी अब ऐसे तबादलों के लिए सीधे मंत्री के पास ही जाना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से विधायकों की नाराजगी दूर करने में बड़ी मदद मिलेगी।
मनोहर सरकार के मंत्री अपने-अपने विभागों से जुड़े क्लास वन और क्लास टू अफसरों के तबादले 15 मई तक कर सकेंगे। उन्हें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों के अधिकार 30 अप्रैल तक मिले हुए हैैं। इन तबादलों के लिए आजकल मारामारी मची हुई है। अभी तक हालांकि यही समय सीमा है, लेकिन मंत्रियों के अनुरोध पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों की समय सीमा भी बढ़ाकर 15 मई की जा सकती है। मंत्रियों से कहा गया है कि वे तबादलों में विधायकों की पसंद और नापसंद का ख्याल रखें।
स्थानांतरण प्रक्रिया पुरानी व्यवस्था का पार्ट
मुख्यमंत्री ने लोगों की सुविधाओं के लिए मंत्रियों को अपने-अपने विभागों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और अफसरों के तबादलों के अधिकार दिए हैैं। यह अधिकार एक माह तक रहेंगे। तबादलों की आखिरी तारीख 15 मई है। हालांकि राज्य में यह स्थानांतरण प्रक्रिया पहले से चली आ रही व्यवस्था का हिस्सा है :- विपुल गोयल, उद्योग मंत्री, हरियाणा
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