पूरे भारत में 29.6 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल जाने वाले बच्चों में से लगभग 79 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में जाने वाले छात्रों का अनुपात सिर्फ 58 फीसदी ही है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट स्कूल जाने वाले छात्रों में 15 से 18 वर्ष के छात्रों का अनुपात ज्यादा है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 6 से 10 वर्ष के ज्यादा छात्र प्राइवेट स्कूल में शिक्षा ले रहे हैं।
- प्राइवेट स्कूलों में बढ़े 1 करोड़ 75 लाख छात्र: हाल ही में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार 2010-11 से 2015-16 के दौरान देश के 20 राज्यों में सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में 1.3 करोड़ तक कम हुई है। इसी दौरान इन्हीं राज्यों के प्राइवेट स्कूलों में नए छात्रों की संख्या में 1.75 करोड़ का इजाफा हुआ है। हालांकि वर्तमान में स्कूल जाने वाले कुल छात्रों में से करीब 65 फीसदी यानी कि लगभग 11.3 करोड़ छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
- 29.6 फीसदी छात्र हैं प्राइवेट स्कूलों में: देशभर में 29.6 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल जाने वाले बच्चों में से लगभग 79 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में जाने वाले छात्रों का अनुपात सिर्फ 58 फीसदी ही है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट स्कूल जाने वाले छात्रों में 15 से 18 वर्ष के छात्रों का अनुपात ज्यादा है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 6 से 10 वर्ष के ज्यादा छात्र प्राइवेट स्कूल में शिक्षा ले रहे हैं।
- प्राइवेट स्कूलों में सबसे ज्यादा छात्र तेलंगाना में: तेलंगाना में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का अनुपात सबसे ज्यादा है। तेलंगाना में 62 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। तेलंगाना में ग्रामीण क्षेत्रों के 45 फीसदी और शहरी क्षेत्रों के 77.6 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। इसके बाद हरियाणा में 51.2 फीसदी और राजस्थान में 50.9 फीसदी बच्चे प्राइवेट स्कूलों मंे पढ़ते हैं। इसके अलावा बड़े राज्य जैसे कि उत्तर प्रदेश में 47 फीसदी और मध्यप्रदेश में 31 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं।
- राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों का अनुपात सर्वाधिक: रिपोर्ट में दिए गए डेटा के अनुसार देशभर में प्राइवेट स्कूलों का सबसे ज्यादा अनुपात राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में है। राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों का अनुपात करीब 32.3 फीसदी, हरियाणा में 29.7 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 29.4 फीसदी है। असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में प्राइवेट स्कूल 10 फीसदी से भी कम हैं। गौरतलब है कि देशभर के 20 राज्यों में 18.5 फीसदी प्राइवेट स्कूल हैं।
- शिक्षा का बेहतर वातावरण चुनाव का कारण: पिछले वर्ष एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि प्राइमरी स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में 59 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 52 फीसदी छात्रों ने सीखने के लिए बेहतर वातावरण की वजह से प्राइवेट स्कूलों को वरीयता दी। अपर प्राइमरी और सेकंडरी स्तर पर भी लगभग यही हालत है। इसका दूसरा बड़ा कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर होना बताया गया है।
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