हरियाणा प्रदेश में नवचयनित जेबीटी शिक्षकों को ज्वाइन कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। सोमवार शाम तक कुल 8406 शिक्षकों को ज्वाइनिंग कराई जा चुकी थी। वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वर्ष 2011 और 2013 की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्ति पत्र जारी करने के ताजा आदेश से एक बार फिर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
हाई कोर्ट के 27 अप्रैल को शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक हटाए जाने के अगले दिन से ही जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) ऑफिस में ज्वाइनिंग प्रक्रिया शुरू हो गई थी। पिछले 11 दिन में युद्धस्तर पर चली नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान नियुक्ति के लिए नवचयनित शिक्षकों को काफी पापड़ बेलने पड़े। कागजी कार्यवाही से लेकर फिटनेस जांच तक की प्रक्रिया में मारामारी की स्थिति रही। फिलहाल कुल 9870 पदों में से 8406 शिक्षकों को ज्वाइनिंग लेटर सौंपे जा चुके, जबकि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट प्रतिकूल होने के कारण 352 शिक्षकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है। इसके अलावा 54 सीटें हाई कोर्ट ने याचियों के लिए सुरक्षित रखी हैं, जिन पर फैसला बाद में होगा।
पहले की नौकरी भी गई! :
बहुत से नवचयनित जेबीटी ने नियुक्ति पत्र पाने की जल्दबाजी में दूसरी नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया था। करीब 500 शिक्षक पहले से ही परिचालक के पद पर कार्यरत थे। कई अन्य दूसरे विभागों में कार्यरत थे। काफी अन्य निजी संस्थानों में कार्य कर रहे थे। शिक्षक के पद की चाह में ज्यादातर पहली नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं। साथ ही अब शिक्षक भर्ती भी लटकती दिख रही है।
- नवचयनित जेबीटी शिक्षकों की ज्वाइनिंग प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हाई कोर्ट के वर्ष 2011 और 2013 की कंबाइन मेरिट लिस्ट बनाकर ज्वाइनिंग कराने के आदेश की कॉपी हमें अभी नहीं मिली है। फैसले के अध्ययन के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।"-- पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग।
- डीईईओ कार्यालय में लगा रहे हाजिरी, कुछ को मिले अस्थायी स्कूल
- संयुक्त मेरिट लिस्ट बनने से प्रभावित हो सकते हैं कई शिक्षक
एक टिप्पणी भेजें