पिछली सरकार में भर्ती किए गए 251 में से 120 हेडमास्टर की नौकरी पर तलवार लटक गई है। शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास की ओर से जारी इस पत्र में इन हेडमास्टर को जवाब देने के लिए 13 अप्रैल तक का समय दिया गया है। यदि इस अवधि तक टीचर ने अपना रिकॉर्ड नहीं दिया तो उनकी सेवा समाप्त समझी जाएगी। यह भर्ती 2008 में हुई थी। भर्ती होते ही इस पर विवाद हो गया था।
आरोप यह है कि इस भर्ती में जो शर्तें थी, वह इतनी लचीली थी जिसका फायदा कुछ उम्मीदवारों ने उठाया। आरोप है कि कुछ उम्मीदवारों ने अनुभव प्रमाण पत्र ही फर्जी लगाया। इतना ही नहीं जिन स्कूलों से अनुभव प्रमाण पत्र लिए गए थे, कई स्कूल हैं ही नहीं। बाद में इस भर्ती को दिनेश शर्मा ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चैलेंज किया। शर्मा ने आरटीआई से इस भर्ती का रिकॉर्ड निकाल कर कोर्ट के सामने रखा।
एसीएस की ओर से 8 अप्रैल को जारी पत्र मेें कहा गया कि कोर्ट का आदेश है कि इस नियुक्ति के सारे रिकॉर्ड की जांच हो। दो कमेटियों के द्वारा यह जांच की गई। इसमें पाया गया कि उम्मीदवारों का रिकॉर्ड संतोषजनक नहीं है। इसमें हाजिरी रजिस्टर नियुक्ति पत्र आदि में अंतर है। इसलिए सारे मामले का संज्ञान लेते हुए अंतिम निर्णय से पहले आपको एक मौका दिया जाता है कि क्यों आपकी नियुक्ति रद्द कर दी जाए।
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