कांग्रेस के शासन काल 2008 में सरकारी स्कूलों में नियुक्त 250 हेड टीचरों के अनुभव प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट 28 मार्च तक कोर्ट में पेश की जानी है। याचिकाकर्ता टीचर दिनेश शर्मा ने बताया कि कांग्रेस सरकार में हुई भर्ती में कई हेड टीचरों के अनुभव प्रमाण पत्र सही नहीं हैं। भर्ती में ऐसे स्कूलों के अनुभव प्रमाण पत्र लगे जो स्कूल है ही नहीं। आरटीआई में प्रमाण पत्रों की कापी मांगी थी। इसके बाद जब उन स्कूलों की पड़ताल की तो यह तथ्य सामने आया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास जो प्रमाण पत्र की कापी है इसमें से 29 फर्जी हैं।
सीधी भर्ती थी, मास्टर कैडर में आठ साल पढ़ाने का अनुभव थी योग्यता: भर्ती में उम्मीदवार के पास मास्टर कैडर में आठ साल तक पढ़ाने का अनुभवी होना चाहिए। यह भी छूट थी कि वह प्रमाण पत्र चाहे तो निजी स्कूल का ही क्यों हो। इसी छूट का आवेदकों ने फायदा उठाया और फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगा कर आवेदन कर दिए गए। हालांकि सेकेंडरी निदेशक ने कोर्ट में हल्फनामा दिया कि इस भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में आरटीआई के तहत जुटाए गए तथ्य रखे। इसे देखते हुए हाइकोर्ट ने सेकेंडरी निदेशक को सभी 250 हेड टीचरों के अनुभवी प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच के आदेश दिए है।
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