सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने स्कूल बसों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर चूक हुई तो स्कूल का एफिलिएशन रद्द होगा। बोर्ड इस बार में स्कूलों से ट्रांसपोर्ट सुविधा को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगने जा रहा है। सीबीएसई एफिलिएशन बायलॉज चैप्टर-2 के नियम 8.5 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोई लापरवाही हो। सीबीएसई एफिलिएशन विभाग के उप सचिव के श्रीनिवासन के अनुसार सुप्रीम कोर्ट और बोर्ड की तरफ से बार-बार स्कूल बसों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर मानक निर्धारित किए गए हैं, लेकिन फिर भी इनमें चूक हो रही है। अब बोर्ड ने यह तय किया गया है कि इसमें जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार माना जाएगा।
स्कूल बस में सुरक्षा उपकरणों में खामी पाएं तो तुरंत स्कूल अथॉरिटी को शिकायत करें।पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जरूर बात करें। {इस जागरूकता और पहल से ही बच्चों की सुरक्षा में आप जिम्मेदार भूमिका अदा कर सकते हैं। स्कूल बसें पीले रंग की होंगी, बसों के आगे और पीछे साफ लिखा होगा स्कूल बस बस पर ड्राइवर का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, बैज नंबर और टेलीफोन नंबर के अलावा स्कूल और बस मालिक का नंबर लिखना अनिवार्य है। जिससे चूक होने पर इसकी शिकायत स्कूल बस 40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ही चले। स्कूल प्रबंधन यह निर्धारित करे कि आग बुझाने के 5-5 किलो के दो सिलेंडर आईएसआई मार्क के हर बस में लगे हों। इमरजेंसी गेट लगे हों। बस में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगे हों, जो बस में चालू हालत में हों। हर स्कूल एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर नियुक्त करेगा। जिसका नाम और नंबर बस के अंदर और बाहर लिखना अनिवार्य होगा। स्कूल प्रबंधन कम से कम एक प्रशिक्षित महिला अटेंडेंट और एक महिला गार्ड नियुक्त करेगा। जो यात्रा के दौरान छात्रों का ध्यान रखे। बसों में प्राथमिक उपचार बक्से और उनमें दवाइयां, पट्टी रखी गई हों। बस में अलार्म और सायरन लगा हो। बस ड्राइवर शराब पीए हो, शक होने पर तुरंत मेडिकल टेस्ट कराकर उस पर एक्शन लें। किसी अन्य वाहन का स्कूल बस ओवर टेक करके चले इस नियम का पालन भी स्कूल प्रशासन कराए।
एक टिप्पणी भेजें